सवाल: चोरी और प्रायश्चित निबंध का सारांश?
चोरी और प्रायश्चित नामक निबंध का सारांश यह है, कि चोरी करना एक अपराध होता है, हम अपने आपको एवं अपने परिवार को धोखा देते हैं। चोरी करने की खुशी हमें कुछ ही समय तक रहती है, परंतु फिर धीरे-धीरे हमें चोरी का डर होने लगता है, तो इसके लिए हमें प्रायश्चित करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। हमने जो गलतियां की हैं, एवं जो चोरी किए हैं, उसका प्रायश्चित एवं उसके प्रति हमें अपनी गलती को समझना चाहिए, अपने गलती में सुधार करना आवश्यक है। हमें पता होना चाहिए, कि चोरी करने से हमारा कभी भी भला नहीं हो सकता, बल्कि हम धीरे-धीरे दूसरे लोगों पर ही आश्रित होने लग जाएगे।
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